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Thursday, 23 June 2016

20 satellites in 26 minutes! ISRO makes space history

ISRO ने 26 मिनट में लॉन्च किए रिकॉर्ड 20 सैटेलाइट, US-रूस के क्लब में शामिल




एक साथ 20 सैटेलाइट लॉन्च कर ISRO ने बुधवार को अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया। सुबह 9.25 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से PSLV-C34 लॉन्च किया गया। 26 मिनट 30 सेकंड में सभी सैटेलाइट स्पेस में पहुंचा दिए गए। इससे पहले 2008 में इसरो ने एक साथ 10 सैटेलाइट लॉन्च किए थे। इस कारनामे के साथ ही भारत सिंगल मिशन में सबसे ज्यादा सैटेलाइट भेजने के अमेरिका-रूस के एलिट क्लब में शामिल हो गया है। अमेरिका ने 2013 में 29 और रूस ने 2014 में एक साथ 33 सैटेलाइट भेजे थे। मिशन में गूगल, अमेरिका, जर्मनी के भी सैटेलाइट...
- इसरो के नए मिशन में अर्थ की निगरानी करने वाला इंडियन स्पेस शटल कार्टोसैट-2 (725 KG) शामिल है।
- इसमें गूगल की कंपनी टेराबेला का अर्थ इमेजिंग सैटेलाइट (स्काईसैट जेन2-1) भी है।
- इसरो अब तक 20 देशों के 57 सैटेलाइट लॉन्च कर चुका है।
- इसरो ने अपने स्टेटमेंट में कहा, "एक साथ 20 सैटेलाइट लॉन्च कर हमने लैंडमार्क बनाया है।"
- मोदी और नितिन गडकरी ने इसरो की कामयाब लॉन्चिंग के लिए बधाई दी है।
मोदी ने क्या कहा?
- एक बार में 20 सैटेलाइट! इसरो ने नए रिकॉर्ड बनाना जारी रखा है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए हमारे वैज्ञानिकों को दिल से बधाई। - @narendramodi
दुनिया का सबसे भरोसेमंद लॉन्च व्हीकल
- अपनी 36th उड़ान के साथ पीएसएलवी दुनिया का सबसे भरोसेमंद सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल बन गया।
- 1993 से लेकर अब तक इसने 36 उड़ानों में कई भारतीय और 35 विदेशी सैटेलाइट स्पेस में पहुंचाए हैं। 
- इसमें 2008 में चंद्रयान-1 और 2014 में मार्स मिशन में मंगलयान की लॉन्चिंग शामिल है।
अमेरिका के 13 सैटेलाइट
- इस लॉन्चिंग में अमेरिका के कुल 13 सैटेलाइट हैं। इसमें गूगल के अर्थ इमेजिंग सैटेलाइट का वजन 110 किलो है।
- स्काईसैट से अर्थ के हाई डेफिनेशन फोटो और वीडियो मिलेंगे।
- 3 सैटेलाइट भारत के हैं, जबकि 4 सैटेलाइट कनाडा, जर्मनी और इंडोनेशिया के हैं।
- पीएसएलवी के साथ स्पेस में भेजे जाने वाले 20 सैटेलाइट का कुल वजन 1288 किलोग्राम है।
- इन सैटेलाइट्स को 505 किलोमीटर की ऊंचाई पर ऑर्बिट में पहुंचाया गया है।
2008 में हुई थी 10 सैटेलाइट की लॉन्चिंग
- इससे पहले, इसरो ने सिंगल मिशन के तहत 2008 में एक बार में 10 सैटेलाइट लॉन्च किए थे। इसीलिए यह मिशन एक और नया रिकॉर्ड बनाया।
- कार्टोसैट-2 सैटेलाइट से भेजी जाने वाली फोटोज अर्बन, रूरल, वाटर डिस्ट्रीब्यूशन और दूसरी जरूरी कामों के लिए मददगार होंगी।
- चेन्नई की सत्यभामा यूनिवर्सिटी का 1.5 किलो वजनी 'सत्यभामासैट' ग्रीन हाउस गैसों की जानकारी जुटाएगा।
- वहीं, पुणे के इंस्टीट्यूट का 'स्वयं' हैम रेडियो कम्युनिटी के लिए मैजेस भेजेगा।
सैटेलाइट इंडस्ट्री में बढ़ रही हिस्सेदारी
- ग्लोबल सैटेलाइट मार्केट में भारत की हिस्सेदारी बढ़ रही है। अभी यह इंडस्ट्री 13 लाख करोड़ रुपए की है।
- इसमें अमेरिका की हिस्सेदारी 41 फीसदी की है। जबकि भारत की हिस्सेदारी 4 फीसदी से भी कम है।
- दुनिया की बाकी सैटेलाइट लॉन्चिंग एजेंसियों के मुकाबले इसरो की लॉन्चिंग 10 गुना सस्ती है।
- विदेशी सैटेलाइट की लॉन्चिंग इसरो की कंपनी एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड के जरिए होती है। 
- 1992 से 2014 के बीच एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन को 4408 करोड़ रुपए की कमाई हुई।
- इसरो सैटेलाइट लॉन्चिंग से अब तक 660 करोड़ रुपए की कमाई कर चुका है।

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